OYO अगर खुद पर भरोसा हो और कुछ कर गुजरने जज्बा हो तो बड़ी-से-बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। कहते है। कि किस्मत भी उन पर मेहरबान होती है। जिनके हौसलो मे जान होती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है।
हॉस्पिटैलिटी चेने ओयो रूम्स (Oyo Rooms) के फाउडर रितेश ने अग्रवाल (Ritesh Agarawal), महज कुछ साल पहले तक दिल्ली के संडकी पर सिम बेचने वाला एक लड़का आज दुनिया के सबसे यंग विलेनियर की लिस्ट में शामिल है
रितेश ने अपनी मेहनत और लगन से जो किया है। वह आज सबके सामने है। आज दुनिया के ४० देशो के 800 शहरों में रितेश का होटल का कारोबार है। और छोटी सी उम्र मे १००० करोड की कम्पनी के मालिक वन चुके है। आईए आपको वताते है। OYO की कहानी
कौन है रितेश अग्रवाल OYO CEO
रितेश अग्रवाल ने अपने जीवन में इतनी सफलता कैसे हासिल की रितेश अग्रवाल का जन्म 16 नवम्बर 1993 को उड़ीसा के कटक के विसम में साधारण मारवाडी परिवार में हुआ था। रितेश के माता पिता चाहते थे। कि अका वेटा अच्छी एजुकेशन हासिल करे। लेकिन अपने माता-पिता के सपने के उल्टा रितेश एंटरप्रेन्योर (Entrepreneur) वनने का सपना देख रहे थे। रितेश आगे की पढाई के लिए दिल्ली चले गये। दिल्ली मे रितेश ने डण्डियन स्कूल आफ विजनेस अकादमी मे प्रवेश लिया। परन्तु उनके दिमाक मे कुछ और ही चल रहा था। और उन्होने वीच में ही पढाई छोड दी। घर वालो ने आईआईटी एंट्रेस (IITitrintrence) की तैयारी के लिए कोटा भेजा लेकिन रितेश का मन वहा नही लगा।
OYO बनाने का आइडिया कैसे आया
रितेश अग्रवाल को घूमने का बहुत ज्यादा शौक था वह हर जगह घूमा करते थे उन्होंने जब पढ़ाई के समय मिलता तो घूमने निकल जाते थे साल 2009 में रितेश अग्रवाल अपने दोस्तों के साथ देहरादून और मसूरी घूमने गए थे जहां पर उन्होंने देखा बेहद खूबसूरत जगह है जिसे लोग अनजान हैं यहां पर कोई नहीं आते हैं वहां से रितेश ने सोचा मैं एक ऑनलाइन सोशल कम्युनिटी बनाता हूं जिसको हम एक प्लेटफार्म बनाएंगे जिसे हम कम कीमतों में लोगों को सुविधा मुहैया कराएंगे जिससे लोग आसानी से नए-नए यहां पर घूम सके रितेश अग्रवाल को अपना बिजनेस मिल चुका था
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